प्रतिदान
चिड़िया ने
अपनी चोंच में
जितना समाया
उतना पिया
उतना ही लिया,
सागर में जल
खेतों में दाना
बहुत था।
चिड़िया ने
घोंसला बनाया इतना
जिसमें समा जाए
जीवन अपना
संसार बहुत बड़ा था।
चिड़िया ने रोज
एक गीत गाया
ऐसा जो
धरती और आकाद्गा
सब में समाया
चिड़िया ने सदा सिखाया
एक लेना
देना सवाया।
-मुनि क्षमासागरजी