अपने घर के गमले में खिल आये फूल, रंग बिरंगे अच्छे लगते हैं. उन्हें देख हम खुश होते हैं. फूल खिलें हम खुश हो जाएँ काम पूरा. कभी हमारे पास समय नहीं होता कि उन सुन्दर फूलों को खिलाने वाले पेड़ को जी भर के देखें, स्नेह और आभार से भर के. हम सब व्यस्त हैं!! भागने में ...जीवन की दौड़ में .. पेड़ को देखेंगे तो समय बर्बाद हो जायेगा.. ये अलग बात है कि जब छुटियाँ आएँगी तब किसी wild life centuary में प्रकृति को देखने जायेंगे.
अपने आस पास बिखरे जीवन को नज़रंदाज़ कर देना हमारी आदत सी हो गयी है.
प्रकृति से प्रेम करना हम भूल रहे हैं, हमें उसका सिर्फ दोहन ही आता है.
प्रकृति से हम जुड़ेंगे तो मानो जीवन से जुड़ेंगे
प्रकृति को प्यार कर के तो देखो, मन खुश हो जायेगा .
No comments:
Post a Comment