आत्मीयता
Saturday, April 21, 2012
दीप उनका
रौशनी उनकी
मै जल रहा हूँ
रास्ते उनके
सहारा भी उनका
मैं चल रहा हूँ
प्राण उनके
हर साँस उनकी
मैं जी रहा हूँ
- मुनि क्षमासागर
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